लेखन के खतरे

आज लेखन एक साहसिक और जोखिम भरा व्यवसाय है और जोखिम उठाये बिना कुछ भी संभव नहीं.चित्र काफी कुछ कहता है ....

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बुधवार, 21 फ़रवरी 2024

बौद्ध संस्कृति बनाम ब्राह्मण संस्कृति

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गुरुवार, 24 मार्च 2022

UP Pre elections 2022

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रविवार, 26 अगस्त 2018

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UP Pre Election Comment

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बिजूका से सा भार : https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2294808814072817&id=100006311611826
रविवार, 6 मार्च 2016

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मैं कहता हों आंखन  देखी - तू कहता कागद की लेखी            4 महिषासुर का फैलता दायरा और मिथकों की राजनीति   सबसे पहले मनु...स्मृति ...
गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

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मैं कहता हों आंखन  देखी - तू कहता कागद की लेखी           तंजानिया की युवती को निर्वस्त्र कर घुमाना कैसी सभ्यता  ?  कैसी मा...
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साठा तो पाठा : ४५ बरस से लिखने की कुलबुलाहट

Lekhan ke Khatare
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